कली और फूल
#वर्णाक्षरमनोहारी
खिली रात में कलि नहीं ,
क्योंकि प्रिय से मिली नहीं ।
उसको था प्रिय का इंतज़ार,
दिल में उमड़ रहा था प्यार। ।
चेहरे पर थी अज़ब...
खिली रात में कलि नहीं ,
क्योंकि प्रिय से मिली नहीं ।
उसको था प्रिय का इंतज़ार,
दिल में उमड़ रहा था प्यार। ।
चेहरे पर थी अज़ब...