...

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तुम भ्रम में जीती हो
तुम भ्रम में जीती हो
भ्रम में जीना छोड़ दो
लव यू लव यू जानू
तुम आओ और बोल दो

समय अनोखा चल रहा है
मन की आपा खोल दो
मैंने मोहब्बत बोल दिया
तुम भी मोहब्बत बोल दो

नैनो कि दीवारों में अपनी
तस्वीर मेरा ओढ़ लो
प्रेम पुनीत शब्दों में मुझको
एक बार प्रेमी बोल दो

चूम लिया हूं तुझको नजदीक से
तुम भी मुझको चूम लो
जानू जानी बालम बेगम
प्रीत नेह का खोल दो

मन करता तुझ में समा जाऊं
तुम नजदीक आकर मुझमें खुद को घोल दो
प्यारी प्यार की स्नेह मुझ पर
थोड़ी सी और ओढ़ दो

तेरी रूहानी इश्क में मरा जा रहा हूं
मुझको आओ तुम समेट लो
बस एक बार अदाओं से अपना
मेरी नेह में अपना स्नेह का बादल छोड़ दो

भीग जाऊंगा मैं उसी में
तुम भरी नजर से मुझको देख लो
प्रणय प्रेमानंद की दुनिया में खो गया हूं तेरी
तुम मुझको प्रेम की भाषा में और दो चार शब्द बोल दो

तुम भ्रम में जीती हो,,,
© Sandeep Kumar