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ऐ ज़िन्दगी सुन अभी तक मैं हारा नहीं हूँ
ऐ ज़िन्दगी सुन अभी तक मैं हारा नहीं हूँ
थकन से जितने गिरे मैं उन जैसा बेचारा नहीं हूँ
तेरी बेरहमी ने न जाने कितने खुवाब लुटे हैं
मुझे खुद पर भरोसा है नकारा नहीं हूँ
अभी बस सांस ली है कुछ रुक कर ऐ वक़्त
उलझ फिर तैयार हूँ इतना थका हारा नहीं हूँ
ज़ख्मों को सीना है बस कुछ देर
ज़िन्दगी क्या हुआ अभी इतना बे सहारा नहीं हूँ
चल फिर ऐ ज़िन्दगी भेज क़तार दुखो की
कुछ ठहरा हूँ बस हारा नहीं हूँ हारा नहीं हूँ
© Sarim
थकन से जितने गिरे मैं उन जैसा बेचारा नहीं हूँ
तेरी बेरहमी ने न जाने कितने खुवाब लुटे हैं
मुझे खुद पर भरोसा है नकारा नहीं हूँ
अभी बस सांस ली है कुछ रुक कर ऐ वक़्त
उलझ फिर तैयार हूँ इतना थका हारा नहीं हूँ
ज़ख्मों को सीना है बस कुछ देर
ज़िन्दगी क्या हुआ अभी इतना बे सहारा नहीं हूँ
चल फिर ऐ ज़िन्दगी भेज क़तार दुखो की
कुछ ठहरा हूँ बस हारा नहीं हूँ हारा नहीं हूँ
© Sarim
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