...

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ऐ ज़िन्दगी सुन अभी तक मैं हारा नहीं हूँ
ऐ ज़िन्दगी सुन अभी तक मैं हारा नहीं हूँ
थकन से जितने गिरे मैं उन जैसा बेचारा नहीं हूँ

तेरी बेरहमी ने न जाने कितने खुवाब लुटे हैं
मुझे खुद पर भरोसा है नकारा नहीं हूँ

अभी बस सांस ली है कुछ रुक कर ऐ वक़्त
उलझ फिर तैयार हूँ इतना थका हारा नहीं हूँ

ज़ख्मों को सीना है बस कुछ देर
ज़िन्दगी क्या हुआ अभी इतना बे सहारा नहीं हूँ

चल फिर ऐ ज़िन्दगी भेज क़तार दुखो की
कुछ ठहरा हूँ बस हारा नहीं हूँ हारा नहीं हूँ

© Sarim