...

6 views

विगत वर्ष को भूलकर,
विगत वर्ष को भूलकर,
तुम आए हो पंछी इस नवल ऋतु के आंगन में,
तुम यूं ही न समझना पराया उसे।

धूप छांव की कसौटी पर,वह...