# ट्रेन
#TrainJourney
रेल का सफर सुहाना है,
मुझे टे्न में बैठ शहर को जाना है।
बचपन में ट्रेन को खूब सुना और जाना था,
लेकिन एक बार भी ट्रेन को भीतर से न देखा नजारा था।
धक धक कि आवाज जब आती थी,
बच्चे भाग अपने खेतों से रेलगाड़ी आने कि आवाज लगाते थे।
ट्रेन तू मुझे मेरे गांव ले जाती है,
एक बार में हजार यात्रियों को उनके मंजिल तक पहुंचाती है।
तूझमे बैठ सुहाना लगता है,
तरह तरह के खेत...
रेल का सफर सुहाना है,
मुझे टे्न में बैठ शहर को जाना है।
बचपन में ट्रेन को खूब सुना और जाना था,
लेकिन एक बार भी ट्रेन को भीतर से न देखा नजारा था।
धक धक कि आवाज जब आती थी,
बच्चे भाग अपने खेतों से रेलगाड़ी आने कि आवाज लगाते थे।
ट्रेन तू मुझे मेरे गांव ले जाती है,
एक बार में हजार यात्रियों को उनके मंजिल तक पहुंचाती है।
तूझमे बैठ सुहाना लगता है,
तरह तरह के खेत...