दिल दुरी सह नहीं पाता
मै तुमसे कभी ये कह नहीं पाता,
बिन तेरे अब रह नहीं पाता,
बड़ा अजीब सा हाल है दिल का,
पागल दुरी सह नहीं पाता,
हर रोज़ घर से निकालता हुँ,
मैं बस तुमसे ही मिलने को,
ज़ब पास तुम्हें पाता हुँ तो,
चाहता हुँ बाहों मे भरने को,
पर क्या करू...
बिन तेरे अब रह नहीं पाता,
बड़ा अजीब सा हाल है दिल का,
पागल दुरी सह नहीं पाता,
हर रोज़ घर से निकालता हुँ,
मैं बस तुमसे ही मिलने को,
ज़ब पास तुम्हें पाता हुँ तो,
चाहता हुँ बाहों मे भरने को,
पर क्या करू...