सूरज ढल चुका था
सूरज ढल चुका था
फूल मुरझा चुके थे
दिल तैज़ी से धड़क रहा था
मन में कुछ उलझन सी थी
दिमाग में कुछ चल रहा था
मां बिमार थी, पिता काम पर थे
बहन अपना दुख बयान कर रही थी,
भाई अपना दर्द संभाल रहा था...
नया सूरज उगने को था...
फूल मुरझा चुके थे
दिल तैज़ी से धड़क रहा था
मन में कुछ उलझन सी थी
दिमाग में कुछ चल रहा था
मां बिमार थी, पिता काम पर थे
बहन अपना दुख बयान कर रही थी,
भाई अपना दर्द संभाल रहा था...
नया सूरज उगने को था...