गजल - ८
मैं बूंद हूं बारिश की
कहीं टपक ना जाऊं !
कभी तेरे आंचल पर
कभी तेरे बदन पर
देख चटक ना जाऊं !
तेरी गीली जुल्फों से...
कहीं टपक ना जाऊं !
कभी तेरे आंचल पर
कभी तेरे बदन पर
देख चटक ना जाऊं !
तेरी गीली जुल्फों से...