विश्व रेडियो दिवस
📷विश्व रेडियो दिवस📷
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रेडियो के दिन वो पुराने थे
रेडियो के हम बड़े दीवाने थे
सचिन जब सिक्स लगता था
अखबार पढ़ते दादा का चश्मा
गिर जाता था
विविध भारती का प्रसारण पूरे 24
घंटे आता था
मां का रेडियो सुन गाना गुनगुनाना पूरे समय
रसोई में चलता रहता था
समाचार के लिए बाबू जी और
मां में तक्झक चलती रहती थी
समाचार और भूले बिसरे गीत सुनने को
कहा सुनी होती थी
बाबू जी के चैनल पलटते लड़ाई होती थी
शाम में जयमाला आता था
ताऊ में फिर देखो देश प्रेम उमड़ जाता था
फिर अंग्रजों और भगत सिंह
क्रांतिकारीयो की बातें शुरू होती थी
तब कही जय माला कार्यक्रम खत्म होता था
गांव में टोला मोहल्ला जुट जाता था
जब रेडियो पे...
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रेडियो के दिन वो पुराने थे
रेडियो के हम बड़े दीवाने थे
सचिन जब सिक्स लगता था
अखबार पढ़ते दादा का चश्मा
गिर जाता था
विविध भारती का प्रसारण पूरे 24
घंटे आता था
मां का रेडियो सुन गाना गुनगुनाना पूरे समय
रसोई में चलता रहता था
समाचार के लिए बाबू जी और
मां में तक्झक चलती रहती थी
समाचार और भूले बिसरे गीत सुनने को
कहा सुनी होती थी
बाबू जी के चैनल पलटते लड़ाई होती थी
शाम में जयमाला आता था
ताऊ में फिर देखो देश प्रेम उमड़ जाता था
फिर अंग्रजों और भगत सिंह
क्रांतिकारीयो की बातें शुरू होती थी
तब कही जय माला कार्यक्रम खत्म होता था
गांव में टोला मोहल्ला जुट जाता था
जब रेडियो पे...