एक अर्सा हुआ
तुम्हें याद किए एक अर्सा हुआ,
सुकून के पल गुजारें एक अर्सा हुआ,
दिनभर सबको हँसाता रहता हूँ पर
ख़ुद मुस्कराते हुए एक अर्सा हुआ,
यू तो मैं मिलता रहा सभी से,
पर खुद से मिले मुझे एक अर्सा हुआ,
सो तो हर रात जाता हूँ मैं,
सुकून की नींद आए एक अर्सा हुआ,
दिनभर जोड़ता रहता हूँ...
सुकून के पल गुजारें एक अर्सा हुआ,
दिनभर सबको हँसाता रहता हूँ पर
ख़ुद मुस्कराते हुए एक अर्सा हुआ,
यू तो मैं मिलता रहा सभी से,
पर खुद से मिले मुझे एक अर्सा हुआ,
सो तो हर रात जाता हूँ मैं,
सुकून की नींद आए एक अर्सा हुआ,
दिनभर जोड़ता रहता हूँ...