...

3 views

पहाड़ी कविता
मौत नी जाणदी जुआन, निक्के, याणे
काल का ज्यादातर डरदे सियाणे

मामूली बुखार कने हान्ना होइ जांदा
बुजुर्गाँ रे ताइं ता भान्ना होइ जांदा

दुख सुख लोक्को इक गिरदी फिरदी...