...

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आत्मनिर्भर भारत
ग़ुलाम- एक शब्द जिसको हर इंसान नफरत करता है;
आज़ाद हो कर अपनी ज़िन्दगी को जीना चाहता है;
एक नई उम्मीद के साथ नए रास्ते पे चलकर;
अपने ज़िन्दगी के सपनों को पूरा करना चाहता है;
हर कोई तो ऐसी ही ज़िन्दगी जीना चाहता है;
पर कितनो के नसीब में ऐसा होता है।

सन 1947 जब हर भारतवासी का सपना पूरा हुआ;
अंग्रेज़ो की गुलामी को छोड़, देश आज़ाद हुआ;
चारों ओर खुशी का माहौल छा गया;
अंग्रेज़ो का झंडा उतार, अपना तिरंगा लेहरा दिया;
पर क्या झंडा बदलने से आज़ादी आती है?
यह सवाल आज भी मेरा दिल पूछा करती है;

मै कहता हूं हम आज भी...