...

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उलझन
तुझे पहेली सुलझाना पसंद था न?
तो मुझे सुलझाते सुलझाते
तू क्यों उलझ गया?
तुझ से दूर जाती थी तो दुबारा अपने पास क्यों बुला लेता था?
तूने तो कहा था में उलझी—उलझी सी ही पसंद हु तुझे
तो फिर मेरा उलझा रहना तुझे क्यों परेशान करने लगा था?
क्यों तू मुझे सुलझाना चाहता था?
क्यों मेरा दर्द, मेरे ज़ख्म मुझ से लेना चाहता था,
क्यों मुझे सुलझाते सुलझाते तू भी उलझता चला गया था?
क्यों मुझे सुलझाते सुलझाते तू भी उजड़ता चला गया था?
                                     —नैनिका