एक तारा
एक तारा जो खो गया मुझसे,
ये गुनाह जो हो गया मुझसे,
सही होकर भी गलत लग रहा है सब,
इस देह में मानो जल रहा है सब।
एक तारा जो दूर होकर भी पास था,
वही हर धड़कन और वही हर साँस था,
उसे खोकर न जाने कैसे जी रहा हूँ मैं,
आँसुओं का...
ये गुनाह जो हो गया मुझसे,
सही होकर भी गलत लग रहा है सब,
इस देह में मानो जल रहा है सब।
एक तारा जो दूर होकर भी पास था,
वही हर धड़कन और वही हर साँस था,
उसे खोकर न जाने कैसे जी रहा हूँ मैं,
आँसुओं का...