# बाकी है #
अभी हमारी मुहब्बत-ए-इश्क़ के बहुत इम्तिहान बाकी है..
ये तो शुरुआत है हमारी मुहब्बत की, जो तय करने है वो मंजिले-ए-काफ़िले तमाम बाकी है..
अभी तो सिर्फ महसूस की है तेरी मुहब्बत-ए-खुसबू, कि रूहवतक उतरना बाकी है..
इंसान समाज के तानो कि सोचते क्या हो, अभी तो सहने जुल्मे- ए-सितम ज़हा के बाकी है....
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ये तो शुरुआत है हमारी मुहब्बत की, जो तय करने है वो मंजिले-ए-काफ़िले तमाम बाकी है..
अभी तो सिर्फ महसूस की है तेरी मुहब्बत-ए-खुसबू, कि रूहवतक उतरना बाकी है..
इंसान समाज के तानो कि सोचते क्या हो, अभी तो सहने जुल्मे- ए-सितम ज़हा के बाकी है....
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