...

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# बाकी है #
अभी हमारी मुहब्बत-ए-इश्क़ के बहुत इम्तिहान बाकी है..
ये तो शुरुआत है हमारी मुहब्बत की, जो तय करने है वो मंजिले-ए-काफ़िले तमाम बाकी है..

अभी तो सिर्फ महसूस की है तेरी मुहब्बत-ए-खुसबू, कि रूहवतक उतरना बाकी है..
इंसान समाज के तानो कि सोचते क्या हो, अभी तो सहने जुल्मे- ए-सितम ज़हा के बाकी है....

मेरे चाहने कि सीमाये क्या ढूंढ़ते हो, मेरी चाहत मे तो समंदर कि अथाह गहराइ बाकी है..
मै तो तुझे ता उम्र न भूल पाउ, मेरे दिल में हमारे मुहब्बत-ए-इश्क़ के इतने मकां बाकी है....
अभी हमारी मुकम्मत-ए- मुहब्बत दास्तां बाकी है...

बिताये जरूर है कुछ पल साथ में, जो गुजारनी है तमाम शाम-ए- खास बाकी है...
तेरे साथ जीने के जहन मे कुछ अरमान बाकी है...

मुहब्बत ये हमारी मंजूर की है दिल ने, अभी तो इसमें रज़ा सारे ज़हा की बाकी है...
कि अभी हमारे इश्क़ की इक पहचान बाकी है....


_@par❤shi
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