#प्रेम-की-परिभाषा......
तुम हाथों में हाथ लेकर
चलने को प्रेम कहते हो
हम सुख-दुख की भागीदारी
को प्रेम कहते हैं......!
तुम आंखों में आंखे डालने
को प्रेम कहते हो
हम आंखों के आंसू पोछने
को प्रेम कहते हैं......!
तुम गोद...
चलने को प्रेम कहते हो
हम सुख-दुख की भागीदारी
को प्रेम कहते हैं......!
तुम आंखों में आंखे डालने
को प्रेम कहते हो
हम आंखों के आंसू पोछने
को प्रेम कहते हैं......!
तुम गोद...