...

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बहाना
तन्हा ज़िन्दगी का
खूबसूरत एक इत्तेफ़ाक़ रहा
राहें कुछ बेतरतीब सही
कड़ी धुप में छांव सा साथ रहा
मंजिल भला किसने देखीं
मिलना ही था एक बहाना रहा
एक मुस्कराहट और हज़ार ग़म
जो जले अफ़साना एक उनका भी रहा
है ज़िन्दगी तपती दुपहर सी
किसी ने रौंदा तो माथे पर धूल सा रहा
© "the dust"