#बहुत कुछ करते अगर कर पाते#
हाथों खुदा के न मजबूर हो जाते
बहुत कुछ करते अगर कर पाते।।
पुराने सफर को सुहाना बनाते
झील किनारे हम रातें बिताते
छोटे से घर को आशियाना...
बहुत कुछ करते अगर कर पाते।।
पुराने सफर को सुहाना बनाते
झील किनारे हम रातें बिताते
छोटे से घर को आशियाना...