...

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उनसे मिलकर चन्दन; क्यूँ ये दूरी रह गयी 💔💔
ख्वाबों में आने की बात अधूरी रह गयी,
तुमसे मेरी मुलाक़ात अधूरी रह गयी,
आँखों में भर कर समुंदर हम भी ठहरे,
मिलकर बरसने की वो बात अधूरी रह गयी ||

हज़ारों मन्नतें की तुमको पाने की हमने,
मगर मेरी हर अरदास अधूरी रह गयी,
बिछड़ के समझा ये रीत है ज़माने की,
उम्र भर साथ चलने की बात अधूरी रह गयी ||

बारिशों का शौक मुझको भी था पहले,
संग भीग जाऊँ वो बरसात अधूरी रह गयी,
दिल ये मेरा मुझसे हर पल पूछता है,
उनसे मिलकर "चन्दन" क्यूँ ये दूरी रह गयी ||


© 💞चन्दन नाविक 'विनम्र'💞