अबला नारी दसभुजा
आज समझी हूं मैं अबला नारी नहीं,
दसभुजा हूं मैं, कोई बेचारी नहीं।
दोनों हाथों में है यह जहान आज का,
दिल में समाया है धन राज़ का,
जान मेरी है मैं जग पे भारी नहीं,
आज समझी हूं मैं अबला नारी नहीं।
ख्वाब मेरे हैं दोनों बुझे पलकों पर,
नाम मेरा है, देखो बड़े फलकों पर,
मुश्किलों से जो मैं, अब तक...
दसभुजा हूं मैं, कोई बेचारी नहीं।
दोनों हाथों में है यह जहान आज का,
दिल में समाया है धन राज़ का,
जान मेरी है मैं जग पे भारी नहीं,
आज समझी हूं मैं अबला नारी नहीं।
ख्वाब मेरे हैं दोनों बुझे पलकों पर,
नाम मेरा है, देखो बड़े फलकों पर,
मुश्किलों से जो मैं, अब तक...