न राख रहती.. न धुँवा उठता..
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,..
टीस उठती है,
हर समझौते पर..
न निखर पाते हैं.. न बिखर..
जल जाता है.. अंदर से सब,
न राख रहती.. न धुँवा उठता !
© अनकहे अल्फाज़...
#Lafj #writcopoem
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,..
टीस उठती है,
हर समझौते पर..
न निखर पाते हैं.. न बिखर..
जल जाता है.. अंदर से सब,
न राख रहती.. न धुँवा उठता !
© अनकहे अल्फाज़...
#Lafj #writcopoem