बिखरा के तेरी जुल्फ़ें मुझ पे!
बिखरा के तेरी जुल्फ़ें मुझ पे,
तुम मुझे बेवजह पागल करती हो!
महका कर मेरी महफ़िल,
मेरी नज़रों में उतरके दिल घायल करती हो!
तुम शमा हो,और, मैं परवाना...
मैं चाहूं तेरी शमा के तप में जल जाना!
जब से तुम्हें देखा है,जब से...
तुम मुझे बेवजह पागल करती हो!
महका कर मेरी महफ़िल,
मेरी नज़रों में उतरके दिल घायल करती हो!
तुम शमा हो,और, मैं परवाना...
मैं चाहूं तेरी शमा के तप में जल जाना!
जब से तुम्हें देखा है,जब से...