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ग़ज़ल
तुमपे किसका न ईमान खो जाएगा,
तुमको पाने का अरमान हो जाएगा।
मुस्कुराहट लबों की है क़ातिल बहुत,
दिल कोई आज क़ुर्बान हो जाएगा।
आज राहें कठिन हैं तो उम्मीद रख,
कल सफ़र तेरा आसान हो जाएगा।
यूं निभा तो रहा हूं सभी से मगर,
क्या पता कौन अनजान हो जाएगा।
आज खुदगर्ज रिश्तों की भरमार है,
जाने कब कोई हैवान हो जाएगा।
© शैलशायरी
तुमको पाने का अरमान हो जाएगा।
मुस्कुराहट लबों की है क़ातिल बहुत,
दिल कोई आज क़ुर्बान हो जाएगा।
आज राहें कठिन हैं तो उम्मीद रख,
कल सफ़र तेरा आसान हो जाएगा।
यूं निभा तो रहा हूं सभी से मगर,
क्या पता कौन अनजान हो जाएगा।
आज खुदगर्ज रिश्तों की भरमार है,
जाने कब कोई हैवान हो जाएगा।
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