है मेरी बद्दुआ
है मेरी बद्दुआ कि तुम्हे कभी खुशी ना मिले
और तुम्हारी आँखों की नमी कभी ना मिटे
तुम बंद कमरे मे अपने आप को नोच खाओ
तुम्हारे दिल पर लगा ये ज़ख्म कभी ना हटे
है मेरी बद्दुआ कि तुम्हारे दर्द को कोई ना पूछे
तुम्हारे होंठ हर पल मदद के लिए चीखते रहे
तुम अपनी तंग जिंदगी मे खुद से नफ़रत करो
और तुम्हारे अंदर बाकि ना जीने की हसरत रहे
है मेरी बद्दुआ कि तुम्हे उम्र भर...
और तुम्हारी आँखों की नमी कभी ना मिटे
तुम बंद कमरे मे अपने आप को नोच खाओ
तुम्हारे दिल पर लगा ये ज़ख्म कभी ना हटे
है मेरी बद्दुआ कि तुम्हारे दर्द को कोई ना पूछे
तुम्हारे होंठ हर पल मदद के लिए चीखते रहे
तुम अपनी तंग जिंदगी मे खुद से नफ़रत करो
और तुम्हारे अंदर बाकि ना जीने की हसरत रहे
है मेरी बद्दुआ कि तुम्हे उम्र भर...