मां
मां वो है जो खुद सारे दुख लेती है,
और बदले में हमे सुख देती हैं।
रोज प्यार से खाना खिलाती है,
हमे कई अलग नामों से बुलाती है।
बच्चे गलती करे तो डांट लगती है,
और फिर प्यार से बच्चो को मानती है।
बच्चो को सबसे मिलना सीखती है,
घर संभालते -संभालते खुद को भूल जाती है।
यू ही नहीं कहते उसे प्रथम गुरु,
मां बच्चो के लिए शिक्षक बन जाती है।
© written by-neelam
और बदले में हमे सुख देती हैं।
रोज प्यार से खाना खिलाती है,
हमे कई अलग नामों से बुलाती है।
बच्चे गलती करे तो डांट लगती है,
और फिर प्यार से बच्चो को मानती है।
बच्चो को सबसे मिलना सीखती है,
घर संभालते -संभालते खुद को भूल जाती है।
यू ही नहीं कहते उसे प्रथम गुरु,
मां बच्चो के लिए शिक्षक बन जाती है।
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