...

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फिर मिल जाए तो अच्छा है
वहीं पुराने दिन,
बचपन की नादानियां,
पापा का प्यार
फिर मिल जाए तो अच्छा है।

डूबते सूरज की शाम,
सबके साथ खेलना,
घर पर पापा का होना
फिर मिल जाए तो अच्छा है।

वही गाँव,
आँगन के चौबारे,
पापा का मेरा फिक्र करना
फिर मिल जाए तो अच्छा है।

बाग की पकी अम्बियां,
पापा का मम्मी की बातों
पर मुस्कुरा कर चिढ़ाना
फिर मिल जाए तो अच्छा है।

माँ के हाथों की मेहंदी,
माँ का सज_ सँवर कर पापा को दिखाना
माँ का पापा के नाम का सिंदूर
फिर मिल जाए तो अच्छा है।

एक दिन जरा
हाथ छुड़ाकर
भगवान से ,पापा आप हमको,
फिर मिल जाए तो अच्छा है।
😞😞😞