...

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Bazaar-e-ishq
बजार-ए-इश्क में दिल घबराने लग गया है।
जिस हसीन चेहरे के होने से जिंदगी खुशहाल हुआ करती थी,
वही शख्स मुझे रुलाने लग गया है।

जमाने की उदासी से कल जिसकी बातें मेरा दिल बहलाया करती थी,
वो अपनी ही बातों में मुझे उलझाने लग गया है।

उसके बदल जाने का अंदाजा इसी बात से लगा लेना,
वो अब मुझे मेरा पूरा नाम लेकर बुलाने लग गया है।

शाम-ए-महफिल में जो मेरे बगैर जाने से कतराता था,...