ख़ैरियत
सुना,
ख़ैरियत तो हो न
इश्क़ में दगा करके
आज भी हमे दग़ाबाज़ ठैहराती तो हो न
याद हमे भूल से कर जो लिया हमे तुमने
लोगों में शामिल कही हम तो नही
आखिर पता लगाती हो...
ख़ैरियत तो हो न
इश्क़ में दगा करके
आज भी हमे दग़ाबाज़ ठैहराती तो हो न
याद हमे भूल से कर जो लिया हमे तुमने
लोगों में शामिल कही हम तो नही
आखिर पता लगाती हो...