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संविधान
बाहर से संघात्मक लेकिन आत्मा एकात्मक है,
स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व का ये परिचायक है,
हर भारतवासी का अभिमान है,
यह भारत देश का संविधान है।
ताकतवर बहुत है ये गणतंत्र, राजतंत्र बदल देता है,
सबको हक़ से जीने का यह अवसर देता है,
हर किसी के हितों की रक्षा हो ऐसा इसका विधान है,
सबको जोड़कर रखे ऐसा भारत का संविधान है ।
अन्य की तुलना में इसका सर्वोच्च व्यापक और विस्तृत आकार है,
जनता ने बनाया है इसे और इसकी अन्तिम शक्ति जनता को प्रदान है,
नहीं मानता मैं हिन्दू और न ही मुसलमान को, मेरे लिए तो सिर्फ भारतीय संविधान है।
२वर्ष ११महिने और १८ दिनों में बनकर-अधिकार और कर्तव्य का विस्तार से वर्णन करता है,
देश की एकता और अखंडता को अपने में संजोए हुए है।
सत्य को स्वीकार कर हिंसा का यह दमन करता है।
तभी तो देश का हर एक नागरिक अपने संविधान पर घमंड करता है।
हर किसी को संविधान का सम्मान करना चाहिए ।
इसके निर्माताओं एवं सहयोगीकर्ताओं को सादर नमन करना चाहिए।
© Shreya tiwari
स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व का ये परिचायक है,
हर भारतवासी का अभिमान है,
यह भारत देश का संविधान है।
ताकतवर बहुत है ये गणतंत्र, राजतंत्र बदल देता है,
सबको हक़ से जीने का यह अवसर देता है,
हर किसी के हितों की रक्षा हो ऐसा इसका विधान है,
सबको जोड़कर रखे ऐसा भारत का संविधान है ।
अन्य की तुलना में इसका सर्वोच्च व्यापक और विस्तृत आकार है,
जनता ने बनाया है इसे और इसकी अन्तिम शक्ति जनता को प्रदान है,
नहीं मानता मैं हिन्दू और न ही मुसलमान को, मेरे लिए तो सिर्फ भारतीय संविधान है।
२वर्ष ११महिने और १८ दिनों में बनकर-अधिकार और कर्तव्य का विस्तार से वर्णन करता है,
देश की एकता और अखंडता को अपने में संजोए हुए है।
सत्य को स्वीकार कर हिंसा का यह दमन करता है।
तभी तो देश का हर एक नागरिक अपने संविधान पर घमंड करता है।
हर किसी को संविधान का सम्मान करना चाहिए ।
इसके निर्माताओं एवं सहयोगीकर्ताओं को सादर नमन करना चाहिए।
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