कलम
मै कई रंगों की दिखती हूँ!
जो जैसा सोचता है!
वो मुझे वैसा ही कोरे पन्ने पर उतार देता है!
अच्छा लिखने वाले को प्यार दिलवाती हूँ
बुरा लिखने वाले को डांट खिलवाती हूँ!
जो जैसा सोचता है वो मुझे वैसा ही लिख पाती है
मै सबको अपने जादू से ऐसा रिझातीं हूँ
अपनी कलम के द्वारा मै जज्बात लिख जाती हूँ
जो मै कह नही पाती!
vo मेरी कलम है कह जाती!
मै हूँ सबके दूखो कि साथी!
जो जैसा सोचता है!
वो मुझे वैसा ही कोरे पन्ने पर उतार देता है!
अच्छा लिखने वाले को प्यार दिलवाती हूँ
बुरा लिखने वाले को डांट खिलवाती हूँ!
जो जैसा सोचता है वो मुझे वैसा ही लिख पाती है
मै सबको अपने जादू से ऐसा रिझातीं हूँ
अपनी कलम के द्वारा मै जज्बात लिख जाती हूँ
जो मै कह नही पाती!
vo मेरी कलम है कह जाती!
मै हूँ सबके दूखो कि साथी!