प्रकृति
प्रकृति होती है नारी सी
हमेशा सहती ही रहती
वो जो दे सकती वो देती
कभी कुछ मांगती न लेती
गुनगुनाती खुद खुश रहती...
हमेशा सहती ही रहती
वो जो दे सकती वो देती
कभी कुछ मांगती न लेती
गुनगुनाती खुद खुश रहती...