लिखना चाहता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर कुछ बातें दिल की लिख ना पाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर कुछ लफ्ज़ मुझसे रूठ ही जाते है...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर कुछ शब्दों में गुम हो जाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर दिल में दिल को समझा लेता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर खुद को ही ना लिख पाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर तुम्हारे एहसासों को भुला ना पाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर अपने ज़ज़्बातों से हार जाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर ज़ेहन में कुछ ना रख पाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर तेरी तस्वीर को धुंधला ना पाता हूँ..!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर अक्सर लिखना ही भूल जाता हूँ...!
कुछ बातों को भुला कर लिख भी देता हूँ,
फिर भी बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ...!
© Rohit Sharma "उन्मुक्त सार"
पर कुछ बातें दिल की लिख ना पाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर कुछ लफ्ज़ मुझसे रूठ ही जाते है...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर कुछ शब्दों में गुम हो जाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर दिल में दिल को समझा लेता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर खुद को ही ना लिख पाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर तुम्हारे एहसासों को भुला ना पाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर अपने ज़ज़्बातों से हार जाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर ज़ेहन में कुछ ना रख पाता हूँ...!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर तेरी तस्वीर को धुंधला ना पाता हूँ..!
बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ,
पर अक्सर लिखना ही भूल जाता हूँ...!
कुछ बातों को भुला कर लिख भी देता हूँ,
फिर भी बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ...!
© Rohit Sharma "उन्मुक्त सार"