...

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जल जैसा प्यार
मैं पानी बन गया हूं
जब से तुम को चाहने लगा हूं
बिलकुल निश्छल जल
रंग हीन
गंध हीन
आकार हीन
मेरे रंग अब तेरे रंग हैं
मेरी खुशबू अब तुम हो
मेरा आकार तेरे चाहने जितना है
तुम कीचड़ मिलाओ, मुझमें
मैं मैला हो जाऊंगा
तुम रंग मिलाओ
मैं रंगीन हो जाऊंगा
तुम मुझे मिटाना चाहो जिस दिन
मुझे वाष्प बना देना
मैं लुप्त हो जाऊंगा
ना केवल तुमसे बल्कि पूरी दुनिया से
तुम्हारे चाहने से मेरा वजूद है
तुम्हारा, मुझे ना चाहना मेरा नसीब

_श्रीलाल जे एच आलोरिया
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