...

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तुम्हारे होने का अहसास
दूर हो तुम जनता हूँ पर दिल में होने का तुम्हारे अहसास तो है
मिला नहीं हूँ माना तुमसे पर कभी ना कभी मिलने की आस तो है ।।

मिले भी बिछड़े भी मुझसे कई यूँ तो लोग ,
मिलके बस वो मेरा हो जाए मुझको उसकी तलाश तो है ।।

जंहा हर एक रिश्ते में घुली हैं ज़हर सी कड़वाहटें हर तरफ़
वहाँ तेरी दोस्ती बेहतर कम से कम उसमें मिठास तो है ।।

टिकते नहीं रिश्ते जो सुंदरता जिस्मों की देख के बनते हैं
देखना मन को एकदूजे का हमारा रिश्ते में कुछ ख़ास तो है ।।

बेशक छोड़ देना कभी जो मन करे छोड़ने का मुझे तुम
ताउम्र का साथ ना हो ना सही पर कुछ लम्हे साथ के पास तो हैं



© Dhruv