विद्यालय की वो स्मृतियाँ
आज याद आ रही है
विद्यालय की वो स्मृतियाँ
बेंच पर साथ बैठे सहपाठियों के चेहरे,
पैदल जाने का एहसास, फटे जूते,
खेल-खेल में लगने वाली चोटें।
वे अद्भुत पल जिनमें होमवर्क नहीं करने का डर था,
शिक्षकों की...
विद्यालय की वो स्मृतियाँ
बेंच पर साथ बैठे सहपाठियों के चेहरे,
पैदल जाने का एहसास, फटे जूते,
खेल-खेल में लगने वाली चोटें।
वे अद्भुत पल जिनमें होमवर्क नहीं करने का डर था,
शिक्षकों की...