...

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सबका अपना अपना सफ़र है
सबका अपना अपना सफ़र है,
कोई ज़िंदगी से ही बेख़बर है,

किसी के आग़ोश में हमसफ़र है,
कोई ढूँढ ही रहा जाने ज़िगर है,
कोई इश्क़ मोहब्बत में अग्रसर है,
किसी को बेवफ़ाई का असर है,

इश्क़ में कोई तो हो गया ज़फ़र है,
कोई ग़मों का ही पी रहा ज़हर है,
अपना बड़ा ही सुंदर रहा सफ़र है,
हुआ न असर है संग हमसफ़र है,

सबका अपना अपना सफ़र है,
कोई ज़िंदगी से ही बेख़बर है,


© प्रकाश