5 views
कभी शमशान नहीं देखा।
कभी शमशान नहीं देखा,
कभी जलती चिता नहीं देखी,
लगता है जैसे जीवन के हिसाब किताब का सार नहीं देखा,
एक आस उठी मन में उस से पहले सौ सवाल खड़े हो गए,
क्या कभी किसी भी स्त्री ने जीवन का अंतिम घाट नहीं देखा,
क्या एक स्त्री होना इतना बुरा,
आज फिर लगता है मैं हाशिये पर हूँ,
मैं अपने ही जीवन के कड़वे सच से वंचित हूँ,
जब जाना है मुझे भी एक दिन वहीं,
क्या तब मैं एक स्त्री नहीं हूँ? ,
क्या स्त्री होना इतना बुरा की मैं अपने आप से वंचित हूँ? ,
कहते हैं स्त्री दिल से कमजोर होतीं हैं इसलिए ऐसा होता है,
मैं पूछती हूँ ये कैसे समाज की दक्यानुसरि बातें हैं,
जिसमे समाज के एक बड़े वर्ग को जीवन के सार से वंचित किया जाता है,
जब मनुष्य की उत्पत्ति स्त्री ही करती है,
उसको क्या इतना भी अधिकार नहीं वह अपने सच से वाक़िफ़ हो,
क्या तब वह कमजोर और अशहंशील नहीं,
कब तक चार कंधे सिर्फ पुरुष वर्ग ही देते रहेगे,
क्या कभी किसी स्त्री का अपना नहीं जाता,
क्या उसको किसी अपने की अंतिम यात्रा तक का अधिकार नहीं,
इन सब सवाल ने मेरे अंतर मन को झंगझोर सा दिया है,
लेकिन आज का सच तो यह है,
उस अंतिम यात्रा से वंचित हूँ जिसमें मुझे एक दिन जाना है।
© nehachoudhary
कभी जलती चिता नहीं देखी,
लगता है जैसे जीवन के हिसाब किताब का सार नहीं देखा,
एक आस उठी मन में उस से पहले सौ सवाल खड़े हो गए,
क्या कभी किसी भी स्त्री ने जीवन का अंतिम घाट नहीं देखा,
क्या एक स्त्री होना इतना बुरा,
आज फिर लगता है मैं हाशिये पर हूँ,
मैं अपने ही जीवन के कड़वे सच से वंचित हूँ,
जब जाना है मुझे भी एक दिन वहीं,
क्या तब मैं एक स्त्री नहीं हूँ? ,
क्या स्त्री होना इतना बुरा की मैं अपने आप से वंचित हूँ? ,
कहते हैं स्त्री दिल से कमजोर होतीं हैं इसलिए ऐसा होता है,
मैं पूछती हूँ ये कैसे समाज की दक्यानुसरि बातें हैं,
जिसमे समाज के एक बड़े वर्ग को जीवन के सार से वंचित किया जाता है,
जब मनुष्य की उत्पत्ति स्त्री ही करती है,
उसको क्या इतना भी अधिकार नहीं वह अपने सच से वाक़िफ़ हो,
क्या तब वह कमजोर और अशहंशील नहीं,
कब तक चार कंधे सिर्फ पुरुष वर्ग ही देते रहेगे,
क्या कभी किसी स्त्री का अपना नहीं जाता,
क्या उसको किसी अपने की अंतिम यात्रा तक का अधिकार नहीं,
इन सब सवाल ने मेरे अंतर मन को झंगझोर सा दिया है,
लेकिन आज का सच तो यह है,
उस अंतिम यात्रा से वंचित हूँ जिसमें मुझे एक दिन जाना है।
© nehachoudhary
Related Stories
6 Likes
2
Comments
6 Likes
2
Comments