इश्क की किताब।
किताबे इश्क में ये कब लिखा है
मुहब्बत में वफ़ा का सिलसिला है
करे राहे मुहब्बत में वफ़ा जो
उसे पागल का ही रुतबा मिला है
मिलाते ही नज़र मुँह फेर लेना
यही तो हुस्न...
मुहब्बत में वफ़ा का सिलसिला है
करे राहे मुहब्बत में वफ़ा जो
उसे पागल का ही रुतबा मिला है
मिलाते ही नज़र मुँह फेर लेना
यही तो हुस्न...