अब बस कर ज़िन्दगी....
आंसू खत्म हो चुके अब और
कितना रुलाएगी?
सब्र भी और होता नहीं और
कितना तड़पाएगी?
लगता था चलते रहेंगे तो मंज़िल
मिल जाएगी,
पर चलते रहे तो बस चलते ही रहे......
फिर एक मोड़ पर लगा अब क्या
मंज़िल आएगी?
गीता में लिखा है कर्म कर फल की
इच्छा करना नहीं,
सब ऊपर वाला देख लेगा बंदे तू
किसी से डरना...