ग़ज़ल...
तेरे इश्क़ में, मैं अपना सब कुछ हार सकता हूँ
मेरा चैन-ओ-सुकून, एक तुझपे वार सकता हूँ
तू लौट आने का, मुझ से वादा तो करके देख
उम्र भर को, मैं तो कर तेरा इंतज़ार सकता हूँ
मेरी...
मेरा चैन-ओ-सुकून, एक तुझपे वार सकता हूँ
तू लौट आने का, मुझ से वादा तो करके देख
उम्र भर को, मैं तो कर तेरा इंतज़ार सकता हूँ
मेरी...