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मेरा निराला भारत
🙏नमन माँ शारदे 🙏

**** कविता - मेरा निराला भारत ****

सारे जग में निराला मेरा भारत,
बड़ी निराली इसकी कहानी है।
स्वतंत्र मेरा भारत, गणतंत्र मेरा भारत;
रग-रग में इसके जवानी है।। सारे जग में...........

कर्म की पूजा होती यहाँ,
नहीं कोई जाति महान है।
समानता का अधिकार सबको,
संविधान के आगे सब समान हैं।।
अनेकता में एकता इसकी निशानी है।। सारे जग में.........

सारे ग्रंथों से ऊँचा,
इसका अपना संविधान है,
यहाँ का बच्चा-बच्चा,
इस पर कुर्बान है।
विश्व शांति का रहा सदा पक्षधर भारत,
तभी तो दुनिया इसकी दिवानी है।। सारे जग में...........

आविष्कारों का जनक भारत,
प्रतिभाओं की यह जन्म-भूमि है।
अतिथि यहाँ पूजा जाता,
स्वागत-सत्कार की नहीं कोई कमी है।।
शून्य से चंद्रयान तक का किया सफर,
अब मंगल और सूर्य की ठानी है।। सारे जग में............

राम-कृष्ण की भूमि भारत,
देव धरा यह कहलाती है।
धर्म-कर्म परिश्रम के कारण ही,
चारों ओर हरियाली यहाँ लहलहाती है।।
ऋषि-मुनियों की तपो भूमि भारत,
इसकी वेद-पुराणों ने महिमा खूब बखानी है।।
सारे जग में...............

स्वतंत्र-गणतंत्र मेरा भारत,
इसकी शान तिरंगा है।
पाप मोचनी मोक्ष दायनी,
बहती यहाँ निर्मल गंगा है।।
पुनःभारत को विश्व गुरु बनाने की,
अब मोदी जी के नेतृत्व में हमने ठानी है। सारे जग में.......
© Suraj Sharma'Master ji'