...

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चरैवेति चरैवेति
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है,
दोपहर कल के लिए निकला है!
अब उठो तुम्हें इंतजार किसका,
जो जागा, भाग्य खिला उसका,
चल दो, तुम्हारा इसी में भला है!