दोस्ती
बिना तुम्हारे ये दो साल इतने आसान न होते,
अगर तुम साथ न होते तो आज हम भी शायद बिखरे हुए होते,
जब टूट कर, हार कर, थक कर रुक सा गया था
तब हाथ पकड़ कर रास्ता भी दिखाया था,
मां बन कर...
अगर तुम साथ न होते तो आज हम भी शायद बिखरे हुए होते,
जब टूट कर, हार कर, थक कर रुक सा गया था
तब हाथ पकड़ कर रास्ता भी दिखाया था,
मां बन कर...