फिलहाल मैं खामोश हूँ
संसार के व्यंग्य बाणों से,
दुनिया भर के तानों से,
खुद में उठता आक्रोश हूँ,
फिलहाल मैं खामोश हूँ!
समय अभी प्रतिकूल है,
मेरी ही ये भूल है,
पर मरा नहीं...
दुनिया भर के तानों से,
खुद में उठता आक्रोश हूँ,
फिलहाल मैं खामोश हूँ!
समय अभी प्रतिकूल है,
मेरी ही ये भूल है,
पर मरा नहीं...