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बेजुबां है इश्क़ ..❤️✍🏼
अब तेरी मोहब्बत पर मेरा हक तो नहीं सनम,
फिर भी आखिरी साँस तक तेरा इंतजार करेंगे।
दिन भर भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के,
न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है।
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं।
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे।
वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी,
इंतज़ार उसका मगर कुछ सोच कर करते रहे।

© अल्फाज़.शायरी...✍