...

5 views

//पिछली बार कब हंसे थे//
//पिछली बार कब हंसे थे//
भूलकर ख़ूबसूरत, हसीन सी ज़िन्दगी,
जी रहा हर कोई, मशीन सी ज़िन्दगी;

जाने पिछली बार कब हंसे थे दिल खोलकर
याद नहीं,
जी रहा हर कोई, गमगीन सी ज़िन्दगी;

सफलता की अंधी दौड़ में मसखरी भूलकर,
आजकल खुलकर हंसने से कतराने लगे हैं
लोग;

हंसी-मसखरी आजकल चुभने लगी हर किसी को,
जाने कब जी पाएंगें हर कोई मुतमईन सी ज़िन्दगी;
© shobha panchariya
#पिछली_बार_कब_हंसे
#writco
#quoteofmine