मत जावे बलम स्याळा में ( राजस्थानी गीत)
मेरी निकळ जावेली जान पाळा में
मत जावे रे बलम छोड़ स्याळा में
पाणत जाऊं खेता माही सरसों भी चिड़ावे छै
निरख- निरख रूप आपरों मेरे पे नेैंन गडावे छै
मेरो फीखो लागै चेहरों गजरों सोवै कौन्या बाळा में
मत जावे रे बलम छोड़ स्याळा में
रोज बणाऊं चाट पकोड़ा घणे प्यार से खिलाऊँगी
गरमा गरम चाय की प्याली सीधी...
मत जावे रे बलम छोड़ स्याळा में
पाणत जाऊं खेता माही सरसों भी चिड़ावे छै
निरख- निरख रूप आपरों मेरे पे नेैंन गडावे छै
मेरो फीखो लागै चेहरों गजरों सोवै कौन्या बाळा में
मत जावे रे बलम छोड़ स्याळा में
रोज बणाऊं चाट पकोड़ा घणे प्यार से खिलाऊँगी
गरमा गरम चाय की प्याली सीधी...