मेरे दोस्त का जनाज़ा
बो दुन्या के लिए अबारा ,
लेकिन फिर भी सबका दुलारा ,
युं तो पागल बंजारा ,
पर आज भी मेरी यादो का है सहारा !
मैं भूल गया हूँ उन बातो को ,
और अब तो कुछ याद ही नहीं आता ,
उसके होते हुए मुझे रुलाना तो दूर ,
आज तक कोई हाथ ही नहीं लगा पता !
कभी बो आपस में लड़ जाना ,
फिर एक दूसरे को सतना ,
है भगवन और ,
मेरे नाराज़ होने पर उसका ,
बो बेसुरा गाना बजाना ,
मेरे भाई रहम खाकर ,
किसी को न सुनाना !
बो अनजान , बेबजह होने बाला डर ,
पर मेरे कंधो पर उसका बो हाथ ,
पर आज टूट गए बो कंधे
ये सुनकर की ,
अब उसपर मेरे यार का जनाज़ा ,
भी उठना था ,
आज पता नहीं क्यूँ चाँद भी मुरझाया लग रहा था !
क्या मंजर बया करूं उस मंज़र का ,
जहां हमेशा के liye बो दोस्त मेरा ,
सुलाया जा रहा था !
आज कहना तो बहुत कुछ था ,
पर बो मंजर भुलाया ही नहीं जा रहा ,
मेरे दोस्त
शब्द तो jhan में बहुत है .,
पर एक अक्षर भी लिखा नहीं जा रहा ,
© Anurag Thakur
well my.friends are all alive 😋,,,last night i have a. teriffic dream of my friends death ,,,,,,so i wrote this ,
,,,
लेकिन फिर भी सबका दुलारा ,
युं तो पागल बंजारा ,
पर आज भी मेरी यादो का है सहारा !
मैं भूल गया हूँ उन बातो को ,
और अब तो कुछ याद ही नहीं आता ,
उसके होते हुए मुझे रुलाना तो दूर ,
आज तक कोई हाथ ही नहीं लगा पता !
कभी बो आपस में लड़ जाना ,
फिर एक दूसरे को सतना ,
है भगवन और ,
मेरे नाराज़ होने पर उसका ,
बो बेसुरा गाना बजाना ,
मेरे भाई रहम खाकर ,
किसी को न सुनाना !
बो अनजान , बेबजह होने बाला डर ,
पर मेरे कंधो पर उसका बो हाथ ,
पर आज टूट गए बो कंधे
ये सुनकर की ,
अब उसपर मेरे यार का जनाज़ा ,
भी उठना था ,
आज पता नहीं क्यूँ चाँद भी मुरझाया लग रहा था !
क्या मंजर बया करूं उस मंज़र का ,
जहां हमेशा के liye बो दोस्त मेरा ,
सुलाया जा रहा था !
आज कहना तो बहुत कुछ था ,
पर बो मंजर भुलाया ही नहीं जा रहा ,
मेरे दोस्त
शब्द तो jhan में बहुत है .,
पर एक अक्षर भी लिखा नहीं जा रहा ,
© Anurag Thakur
well my.friends are all alive 😋,,,last night i have a. teriffic dream of my friends death ,,,,,,so i wrote this ,
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