ज़ख़्म जो तूने दिए
ज़ख़्म जो तूने दिए, तूने दिए इसलिए संभाले रखा है
हर दर्द को सब से छुपाकर अपने सीने में पाले रखा है
ना हक जताएंगे, ना कभी किसी को दुख बताएंगे
सहने गम ए जुदाई को दिल को पत्थर सा ढाले रखा...
हर दर्द को सब से छुपाकर अपने सीने में पाले रखा है
ना हक जताएंगे, ना कभी किसी को दुख बताएंगे
सहने गम ए जुदाई को दिल को पत्थर सा ढाले रखा...