रूक्मिणी
कृष्ण तेरी राधिका नहीं,
रूक्मिणी मुझे है भायी|
मूर्तियों में नहीं रे कान्हा,
संग तेरी रास आयी||
मैं राधा में, मुझ में राधा
राधे प्रिय मुझे स्वयं से ज्यादा
फिर क्यों ना भाये राधा रानी?
क्यों लिए बैठीं हो रूक्मिणी कहानी?
राधा के वो मरुस्थली नैना,
हर पल, हर क्षण कान्हा - कान्हा ही कहना,
'राधा- कृष्ण' संग, जग पुजन में लाएं,
द्वापर में तो नहीं अपनाए,
तुम ही कहो कैसे बनु राधिका,
गा...
रूक्मिणी मुझे है भायी|
मूर्तियों में नहीं रे कान्हा,
संग तेरी रास आयी||
मैं राधा में, मुझ में राधा
राधे प्रिय मुझे स्वयं से ज्यादा
फिर क्यों ना भाये राधा रानी?
क्यों लिए बैठीं हो रूक्मिणी कहानी?
राधा के वो मरुस्थली नैना,
हर पल, हर क्षण कान्हा - कान्हा ही कहना,
'राधा- कृष्ण' संग, जग पुजन में लाएं,
द्वापर में तो नहीं अपनाए,
तुम ही कहो कैसे बनु राधिका,
गा...